Move to Jagran APP

अंत तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए एक अनसुलझी पहेली बने रहे 88 वर्षीय योगी प्रह्लाद जानी

जिस शख्‍स ने पीएम मोदी समेत पूर्व राष्‍ट्रपति एपीजे अब्‍दुल कलाम को हैरत में डाल दिया था उनका नाम था प्रह्लाद जानी। ये दोनों ही इनके मुरीद थे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 11:20 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 07:01 AM (IST)
अंत तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए एक अनसुलझी पहेली बने रहे 88 वर्षीय योगी प्रह्लाद जानी

नई दिल्‍ली। वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बने गुजरात के योगी प्रह्लाद जानी, वे अब हमारे बीच नहीं रहे। वो एक ऐसी शख्सियत थे, जिनसे वैज्ञानिक भी हैरान थे। सात दशकों तक वह बिना खाना खाए और पानी पिये जिंदा रहे। वैज्ञानिकों के लिए ये एक हैरतअंगेज सवाल बना रहा। इतना ही नहीं इस दौरान प्रह्लाद जानी ने मूत्र त्‍याग भी नहीं किया था। ये किसी के लिए भी अजूबा हो सकता है। बीबीसी और अलजजीरा समेत तमाम विदेशी मीडिया ने उनकी खबर जब दुनिया के कोने-कोने पहुंचाई, तो हर कोई उनकी इस अनूठी काबिलियत को जानकर हैरान था।

loksabha election banner

डॉक्‍टर एंटन लूंगर मेटाबॉलिक एक्‍सपर्ट ने उनके बारे में बात करते हुए एक निजी चैनल से कहा था कि ये उनकी कल्‍पना से भी परे है। इसी तरह डॉक्‍टर वुल्‍फगेंग मॉर्केल जो एक न्‍यूट्रीशियन एक्‍सपर्ट हैं, भी उनकी इस अनोखी काबिलियत से हैरान थे। उन्‍होंने भी एक निजी चैनल से बातचीत में बताया था कि इतने वर्षों तक बिना खाना खाए, पानी पिए और बिना ऊर्जा के जिंदा रहना असंभव है। उनके बारे में कहा जाता है कि आध्‍यात्‍म की तरफ जब बाबा जानी मुड़े थे, तभी उनकी जुबान पर तीन कन्‍याओं ने अंगुली रखी थी। इसके बाद उनकी भूख और प्‍यास दोनों ही खत्‍म हो गईं।

प्रह्लाद जानी केवल भारतीय वैज्ञानिकों के लिए ही एक पहेली नहीं थे, बल्कि दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए चर्चा का विषय थे। उन्‍हें लोग 'चुनरी वाली माता' के नाम से पुकारते थे। 88 वर्ष की आयु में अंतिम सांस लेने वाले जानी अंत तक पहेली बने रहे। प्रह्लाद जानी के आश्रम में राजनीतिक हस्तियों से लेकर तमाम सेलिब्रिटीज तक का आना-जाना लगा रहा। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पीएम मोदी भी उनके आश्रम जा चुके हैं।

प्रह्लाद जानी ने जिन वैज्ञानिकों को हैरानी में डाला था, उनमें देश के पूर्व राष्‍ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी शामिल थे। वह प्रह्लाद जानी की अनूठी जीवनशैली का रहस्य जानने के लिए उत्सुक थे। इस रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए जानी के कई मेडिकल टेस्ट भी हुए। रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली देश की जानी-मानी संस्था डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की टीम ने सीसीटीवी कैमरे की नजर में 15 दिनों तक 24 घंटे उन पर नजर रखी थी। यहां तक की उनके आश्रम के पेड़-पौधों का भी टेस्ट किया गया था। बावजूद उनका जीवन एक रहस्य बना रहा। इतने वर्षों तक उनके बिना कुछ खाए या पिये जिंदा रहने के दावे का बार-बार चिकित्सकीय और वैज्ञानिक परीक्षण किया गया, लेकिन कोई इस पहेली को सुलझा नहीं सका।

प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर शाह ने उनकी दो बार बेहद जटिल जांच की थी। इस दौरान उन्‍होंने पाया कि न तो उन्‍होंने कुछ खाया और न ही पिया और न ही मूत्र त्‍याग और शौच ही गए। उनका कहना था कि इतने वर्षों में उनका शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन हो चुका है। इस जांच के दौरान जो रिपोर्ट सामने आई उसने सभी को चकित कर दिया। इस दौरान उनके शरीर में हीमोग्‍लोबीन की मात्रा 10-12 के बीच बनी रही। आपको बता दें कि हीमोग्‍लोबीन शरीर में ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई करने का प्रमुख स्रोत भी होता है। बाबा जानी में इसका स्‍तर एक सामान्‍य व्‍यक्ति की तरह ही था। देश के रक्षा और विकास अनुसंधान की मानें तो बाबा जानी पर की गई रिसर्च में वे किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सके थे।

जानी का दावा था कि वह कई ऐसी असाध्‍य बीमारियों का भी इलाज कर सकते हैं, जिसका डॉक्टरों के पास भी इलाज नहीं है। उनका दावा था कि एड्स, एचआइवी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज सिर्फ एक फल से किया जा सकता है। इसके अलावा नि:संतान व्यक्तियों का भी इलाज करने का वे दावा करते थे। उन्‍हें जानने वाले उनके इन दावों पर खरा उतरने की पुष्टि भी करते हैं।

प्रह्लाद जानी का जन्म 13 अगस्त 1929 को हुआ था। उनके 5 भाई और एक बहन थी। महज 10 वर्ष की आयु में ही उन्होंने आध्यात्मिक जीवन के लिए अपना घर छोड़ दिया था। उन्‍होंने माउंट आबू समेत महाबलेश्‍वर में तपस्‍या की। एक साल तक वह माता अंबे की भक्ति में डूबे रहे, जिसके बाद वह साड़ी, सिंदूर और नाक में नथ पहनने लगे। वह पूरी तरह से महिलाओं की तरह श्रृंगार करते थे। पिछले 50 वर्ष से जानी गुजरात के अहमदाबाद से 180 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर अंबाजी मंदिर की शेष नाग के आकार वाली गुफा के पास रहते थे। 

ये भी पढ़ें:-

Heatwave: आसमान से बरस रही है आग, इससे करना है बचाव तो बरतें ये सात सावधानियां


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.